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शुक्रवार, 12 मार्च 2010

मेरी कहानी

चलिए, सब मिलकर एक कहानी का आरंभ करें. मैं पाँच वाक्य लिख रहा हूँ, आगे क्या लिखूँ, यह मुझे आप बताएँ:

एक बड़े शहर में एक छोटा आदमी रहता था. छोटा उम्र में नहीं, अपने विचारों के कारण उसने अपने आप को छोटा बना लिया था. सबसे डरता रहता था, आत्मविश्वास की बेहद कमी थी, पैसा भी बस इतना ही कि गुज़ारा हो जाए. एक आइटी कंपनी में काम करता, दिन भर कम्प्यूटर के सामने बैठा रहता, रात देर से घर आकर खाना खाकर सो जाता. शादी हुई नहीं थी, डर लगता थी उसे किसी के साथ रहने में. सभी लोग उसका मज़ाक उड़ाते, मगर वह ध्यान ही नहीं देता, अपने आप में मगन रहता.
मगर एक दिन....
(आगे क्या लिखूँ?)

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